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मुंगेली जिला अस्पताल में एक्यूपंक्चर थेरेपी से असंभव हुआ संभव

जिला अस्पताल मुंगेली की बड़ी सफलता, मुफ्त इलाज से चला मरीज

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता

एक्यूपंक्चर थेरेपी से मिला चलने का सहारा – जिला अस्पताल मुंगेली की बड़ी उपलब्धि

मुंगेली, 17 जुलाई / एक गंभीर दुर्घटना के बाद दो वर्षों से चलने में असमर्थ रहे मरीज को जिला चिकित्सालय मुंगेली में एक्यूपंक्चर और फिजियोथेरेपी के माध्यम से नया जीवन मिला है। यह उपचार मुंगेली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

 अतिश दास, उम्र 50 वर्ष, निवासी बुढार, जिला शहडोल (म.प्र.), दो वर्ष पूर्व घर में काम करते समय छत से गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सिर में गहरी चोट लगने के बाद वे बिस्तर पर ही थे और चलने-फिरने में असमर्थ थे। बहुत जगह इलाज कराने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली।

दिनांक 5 जून 2025 को उनके भाई अरविंद दास, निवासी कबीर वार्ड, मुंगेली, उन्हें जिला चिकित्सालय मुंगेली लेकर आए, जहाँ पदस्थ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. उत्कर्ष पाठक द्वारा लगभग 15-20 दिन तक लगातार फिजियोथेरेपी और एक्यूपंक्चर थेरेपी दी गई। उपचार के परिणामस्वरूप अतिश दास अब पूरी तरह से चलने-फिरने में सक्षम हो गए हैं।

मरीज ने बताया कि उसने कभी उम्मीद छोड़ दी थी कि वह दोबारा चल सकेगा। लेकिन जिला अस्पताल मुंगेली की निःशुल्क और समर्पित चिकित्सा सेवा ने न केवल उन्हें नया जीवन दिया, बल्कि उन्हें लाखों रुपये के खर्च से भी बचा लिया।

इस सफलता पर सिविल सर्जन डॉ. एम.के. राय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि, “मुंगेली जिला अस्पताल में पहली बार एक्यूपंक्चर थेरेपी के माध्यम से सफल इलाज किया गया है। यह चिकित्सा विधि वर्तमान में जिले के किसी भी निजी संस्थान में उपलब्ध नहीं है। समय पर इलाज न मिलने से इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।” उन्होंने डॉ. उत्कर्ष पाठक और उनकी टीम को बधाई देते हुए इस सफलता को जिला अस्पताल की बड़ी उपलब्धि बताया।

जिला अस्पताल मुंगेली अब न केवल स्थानीय बल्कि अन्य जिलों के मरीजों के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनता जा रहा है।

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