कलेक्टर और एसपी ने पीएम विश्वकर्मा योजना के 58 हितग्राहियों को वितरण किया सर्टिफिकेट
लाइवलीहुड कॉलेज जमकोर में हितग्राहियों ने देखा पीएम मोदी का लाईव प्रसारण

मुंगेली/ पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रगति का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज लाइवलीहुड कॉलेज जमकोर में हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महाराष्ट्र के वर्धा में आयोजित कार्यक्रम का लाईव प्रसारण देखा। इस अवसर पर कलेक्टर राहुल देव और जिले के नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने 05 दिवसीय प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके 58 हितग्राहियों को सर्टिफिकेट वितरण किया और उन्हंे बधाई दी। कलेक्टर ने कहा कि अब आप सभी लोग अपने आप में विश्वकर्मा कहलाएंगे। उन्होंने कहा कि जब आप आत्मनिर्भर बनेंगेे, तभी हमारा देश सशक्त और समृद्ध होगा। कलेक्टर ने हितग्राहियों को बहुत ही सुगम तरीके से ऋण दिलाने की व्यवस्था करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने प्रशिक्षण में महिलाओं की भागीदारी की भी सराहना की और उन्हे आर्थिक रूप से सशक्त बनने प्रेरित किया।
एसपी ने कहा कि आप सभी लोगो को जिला प्रशासन की ओर से पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सीखने का अवसर मिल रहा है, इसे अच्छे से सीखकर लाभ उठाएं। उन्होंने हितग्राहियों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनने प्रोत्साहित किया। जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान विश्वकर्मा के रूप में करके उन्हे सभी लाभ प्राप्त करने के योग्य बनाना, कौशल विकास करना, उनकी योग्यता क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक औजार एवं टूलकिट प्रदान करना, बैंको के माध्यम से लोन प्रदान करना तथा उन्नति के लिए विभिन्न बजारों से जोड़ना है।
डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी अजय शतरंज ने बताया कि जिले में योजना 415 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण के दौरान व्यक्ति को 500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रशिक्षण मानदेय और टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रूपए प्रदान किये जाते है। जिला उद्योग महाप्रबंधक चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि योजना के तहत आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिए। हितग्राहियों को बैंको के माध्यम से 02 लाख रूपये तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
लाइवलीहुड कॉलेज के सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि योजनार्गत कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली का जाल बनाने वाले को कौशल सत्यापन के बाद 05 दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण, 15 दिन या उससे अधिक उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए आवेदक आधार कार्ड, मोबाईल नम्बर, बैंक विवरण एवं राशन कार्ड के साथ सीएससी में पीएम विश्वकर्मा योजना पोर्टल अथवा मोबाईल एप पर आधार आथेंटिकेशन के माध्यम से पंजीकरण कर सकते है।