महासमुंद : दलहन एवं तिलहन फसलों पर समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन
- जिले में 40 हेक्टेयर में मूंगफली और 30 हेक्टेयर में तिल का प्रदर्शन किया गया
महासमुंद/इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुंद द्वारा खरीफ वर्ष 2024 में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन दलहन एवं तिलहन फसलों पर किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम लहंगर, गुडरूडीह एवं पिरदा में प्रदर्शन कार्यक्रम संचालित किए गए। कार्यक्रम का निरीक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अटारी जबलपुर (जोन-9) से डॉ. रंजित सिंह, एस.आर.एफ., निदेशक विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर से डॉ. नवनीत राणा, और कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुंद के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. वर्मा, डॉ. साकेत दुबे,कुणाल चंद्राकर, एवं डॉ. रवीश केशरी की उपस्थिति में किया गया।
फसल निरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम गुडरूडीह एवं लहंगर में ’’प्रक्षेत्र दिवस’’ का आयोजन किया गया, जिसमें 42 कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पहले चरण में उपस्थित वैज्ञानिकों द्वारा मूंगफली एवं तिल फसल का निरीक्षण किया गया और किसानों से चर्चा की गई। वैज्ञानिकों ने किसानों को मूँगफली, तिल एवं आगामी रबी में सरसों फसलों की उन्नत खेती, सिंचाई प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कीट एवं रोग प्रबंधन की तकनीकों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में ग्राम गुडरूडीह की पंच श्रीमती ललिता धु्रव भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दलहन एवं तिलहन फसल क्षेत्र के विस्तार हेतु समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस परियोजना के तहत 40 हेक्टेयर में मूंगफली और 30 हेक्टेयर में तिल का प्रदर्शन महासमुंद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया। जिसमें मूंगफली फसल की उन्नत किस्म’’ ’कादिरी लेपाक्षी – 1812’ और तिल की ’जी.टी.- 6’ किस्म का प्रदर्शन कृषक प्रक्षेत्र में किया गया। मूँगफली फसल का प्रदर्शन जिले के तीन विकासखण्डों- महासमुंद, बागबाहरा एवं पिथौरा में तीन क्लस्टर बनाकर किया गया, जबकि तिल का प्रदर्शन बागबाहरा विकासखंड में एक क्लस्टर बनाकर किया गया। आगामी रबी मौसम में सरसों की उन्नत किस्म ’डी.आर.एम. आर 150-35’ का 100 हेक्टेयर में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन लिया जाएगा।