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बाल विवाह सामाजिक बुराई के साथ कानूनी अपराध: अपर कलेक्टर

बाल विवाह रोकने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को दिलाई गई शपथ

आनंद गुप्ता संवाददाता 

बाल विवाह सामाजिक बुराई के साथ कानूनी अपराध: अपर कलेक्टर

बाल विवाह रोकने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को दिलाई गई शपथ

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत कार्यक्रम का किया गया आयोजन

मुंगेली / कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में ‘‘बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’’ के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पाण्डेय तिवारी ने उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बाल विवाह रोकने हेतु शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई के साथ कानूनी अपराध भी है। बाल विवाह से जहां बालिकाओं एवं बालकों का सर्वांगीण विकास प्रभावित होता है, वहीं बाल अधिकारों का हनन भी होता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत विवाह हेतु बालिका की आयु 18 वर्ष व बालक की आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। विवाह हेतु निर्धारित उम्र से कम में होने पर बाल विवाह माना जायेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तारकेश्वर सिन्हा ने बताया कि बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम का उल्लंघन करने पर 02 साल तक के कठोर कारावास या 01 लाख रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह की सूचना परियोजना कार्यालय, जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस थाना एवं चाईल्डलाइन 1098 या जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मोबाईल नंबर 7000296589 में दे सकते है। इस दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण अधिकारी कपिल कुमार यादव,छविलाल साहू,उमाशंकर कश्यप व अन्य अधिकारी-कर्मचारीगण मौजूद रहे।

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