आनंद गुप्ता जिला संवाददाता

मुंगेली / शासकीय वीरांगना अवंतीबाई लोधी महाविद्यालय, पथरिया के हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका एवं विभागाध्यक्ष डॉ. कमलजीत श्रीवास्तव बुधवार को 36 वर्षों की उत्कृष्ट शैक्षणिक सेवा के उपरांत भावुक वातावरण में सेवानिवृत्त हुईं। उनका महाविद्यालय और हिंदी साहित्य के प्रति समर्पण अनुकरणीय रहा है।
डॉ. श्रीवास्तव की प्रथम नियुक्ति 11 दिसंबर 1989 को हुई थी और उन्होंने 30 अप्रैल 2025 तक अपने कर्तव्यों का निष्ठा, समर्पण और प्रेरणा के साथ निर्वहन किया। वे महाविद्यालय की साहित्यिक पत्रिका “प्रेरणा” की संपादक भी रहीं, जहां उन्होंने छात्रों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हुए साहित्यिक मंच प्रदान किया।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में डॉ. श्रीवास्तव ने सभी छात्र-छात्राओं को अपने उद्बोधन में कहा, “कभी भी कोशिश करना बंद मत करना। यदि एक राह में असफलता मिले तो अगली बार दुगनी मेहनत करना – सफलता अवश्य मिलेगी।” उनके इन शब्दों ने उपस्थित विद्यार्थियों को गहराई से प्रेरित किया।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेश कुमार राजपूत, जो स्वयं भी एम.ए. हिंदी साहित्य के छात्र रहे हैं, ने उन्हें सप्रेम भेंट दी और कहा, “आपकी शिक्षाएं हमें सदैव मार्गदर्शित करती रहेंगी। आपके संरक्षण में बिताए पांच वर्ष अत्यंत अनमोल रहे। आगे भी आपका आशीर्वाद और मार्गदर्शन हमें चाहिए।”
अतिथि व्याख्याता अजय साहू ने अपने भावुक वक्तव्य में कहा, “डॉ. कमलजीत श्रीवास्तव ने हमें केवल अकादमिक शिक्षा नहीं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य भी सिखाए। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने उनके सान्निध्य में शिक्षा प्राप्त की।”
समारोह के अंतिम क्षणों में समस्त महाविद्यालय परिवार की आंखें नम हो गईं। सहकर्मी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने डॉ. श्रीवास्तव को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके स्वस्थ, दीर्घायु और सुखद जीवन की कामना की।
डॉ. कमलजीत श्रीवास्तव ने अपने लंबे कार्यकाल में जिस प्रकार से शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
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