समुदाय की भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता जाँच का सफल आयोजन — गुनापुर शाला में “पहल”
मुख्यमंत्री गुणवत्ता शिक्षा अभियान के तहत गुनापुर विद्यालय में सामाजिक अंकेक्षण संपन्न

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता
शासकीय प्राथमिक शाला गुनापुर में शिक्षा की गुणवत्ता पर सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम का आयोजन
मुंगेली / मुख्यमंत्री गुणवत्ता शिक्षा अभियान के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला गुनापुर, संकुल केंद्र ढोलगी, विकासखंड लोरमी में शिक्षा की गुणवत्ता एवं स्तर का आकलन करने हेतु सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का आकलन कर विद्यार्थियों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी के रूप में शिकारीडेरा के प्रधान पाठक लालसिंह राठौर उपस्थित रहे।
सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत के उपसरपंच अश्वनी ध्रुव, पंच दुर्गेश यादव, आकाश कोशले, श्रीमती आशा बाई, पूर्व सरपंच चैतराम यादव, सचिव प्रताप जायसवाल, रोजगार सहायक मनजीत ध्रुव, SMC अध्यक्ष दीपक साहू, SMC के सदस्य एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की व्यवस्थाएँ, शिक्षा गुणवत्ता, छात्र उपस्थिति, मध्याह्न भोजन, स्वच्छता तथा शिक्षकों की उपस्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
सभी ने विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
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विद्यार्थियों में दिखा उत्साह एवं आत्मविश्वास
अंकेक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं से प्रश्न पूछे गए, जिनका उन्होंने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया। विद्यार्थियों में कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह और आत्मविश्वास देखा गया।
उपस्थित जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों एवं अधिकारियों ने कहा कि शासन की इस प्रकार की पहल से शिक्षक, पालक और समुदाय के बीच संवाद बढ़ता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन मिलता है और शिक्षा के प्रति विश्वास एवं सहयोग की भावना मजबूत होती है।
वही इस अवसर पर सहायक शिक्षक रूपेश कुमार राजपूत, रसोइया कुमारी लता, सफाईकर्मी कोमल यादव, ग्रामवासी दीपक निषाद, आजुराम, संतोष यादव, बलेश, गोपी यादव, जोंहू बैगा, बुधराम बैगा, जिरजोधन, श्रीमती बबीता यादव, द्रौपती साहू, प्रतिमा यादव, ओमप्रकाश, प्यारे, छन्नू यादव, नर्मदा, लक्षमण यादव, ललित, बोधन, जोधन, संदीप निषाद सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
ग्रामवासियों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से पालकों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ती है तथा शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होता है।